
लखनऊ. 2022 चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 2024 ही नहीं, 2027 चुनाव की रणनीति अभी से तैयार करने में जुट गए हैं। शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी मुख्यालय में विधानसभा चुनाव-2022 में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों, प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय एवं प्रदेश अध्यक्षों व कुछ प्रमुख जिलाध्यक्षों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने चुनाव की समीक्षा के साथ 2024 के लोकसभा व 2027 के विधानसभा चुनावों की रणनीति पर भी चर्चा हुई। दोनों ही चुनावों की तैयारियां करने, संगठन को मजबूती देने तथा बूथ स्तर पर चिह्नित करके वोट बढ़ाने पर विशेष बल देने के आदेश दिए।
ये भी पढ़ें- Podcast: जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग पर हाईलेवल मीटिंग
चुनाव के लिए दिए यह दिशा-निर्देश
अखिलेश यादव ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ा है। इस चुनाव में सभी प्रत्याशी मजबूती से लड़े। चुनाव में हार-जीत होती रहती है। कई प्रत्याशी बहुत कम अन्तर से हारे हैं। प्रशासन का दुरुपयोग करके कई विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव परिणामों को प्रभावित किया गया। यादव ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव आयेाग की भूमिका निष्पक्ष नहीं रही। उसने चुनाव के दौरान पार्टी की शिकायतों का समुचित संज्ञान नहीं लिया। यादव ने कहा इस बार चुनावों में मतदाता सूची में भी काफी गड़बड़ियां पाई गईं। तमाम मतदाताओं के नाम गायब थे। कई बूथों पर पीठासीन अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध रही। आरएसएस ने भी अफवाहें फैलाने और दुष्प्रचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अखिलेश यादव ने कहा कि विधानसभा-2022 के चुनाव में जो कमियां दिखी उनसे सबक लेना चाहिए। आगे से मतदान के प्रति जागरूकता फैलाते हुए मतदान प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास होना चाहिए।
उन्होंने कहा है कि पांच वर्ष और दो महीनों की भाजपा सरकार के रवैये में पहले से कोई बदलाव नहीं आया है। प्रदेश में विकास और निवेश की झूठी कहानी गढ़ी जा रही है। नौजवानों और किसानों के साथ धोखा किया गया है। कानून व्यवस्था का कहीं अता पता नहीं हैं। राज्य की भोली-भाली जनता को झूठे किस्से-कहानी सुनाकर गुमराह किया जा रहा है। भाजपा का यह पुराना एजेण्डा है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि वे भाजपा के दुष्प्रचार का हर स्तर पर मजबूती से पर्दाफाश करें।