Thursday , June 1 2023

अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना, आपराधिक घटनाओं के लेकर कहा – यूपी को रेप स्टेट बना दिया

लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश में हाल की आपराधिक घटनाओं को लेकर प्रदेश सरकार पर जमकार निशाना साधा। पूर्व मुख्यमंत्री ने एक-एक कर आपराधिक घटनाओं की व्याख्या की और कहा कि सरकार ने लॉ-एण्ड-आर्डर को ही बुलडोज कर दिया है। अखिलेश यादव ने कहा कि बहन बेटियों के लिए उत्तर प्रदेश सर्वाधिक असुरक्षित प्रदेश बन गया है। स्कूल, घर, थाने और अब अस्पताल में भी बलात्कार होने लगे हैं। दूसरी बार मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को रेप स्टेट बना दिया है। भाजपा सरकार महिलाओं के प्रति पूरी तरह असंवेदनशील साबित हो चुकी है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि विज्ञापनों में कानून व्यवस्था का झूठा प्रचार करके मुख्यमंत्री जी अब जनता को बहका नहीं सकेंगे। खुद मुख्यमंत्री जी के जनपद गोरखपुर में कैण्ट इलाके में सरेआम महिला की चेन लूट ली गई। एक घंटे बाद उन्हीं बदमाशों ने कोतवाली में मोबाइल छीना आरोपी फरार है। कानपुर में पुलिस बिना एफआईआर मां-बेटी को उठा लाई और थाने में रात में पूछताछ के बहाने प्रताड़ित किया जिससे परेशान महिला में खुदकुशी कर ली। उन्होंने कहा कि ललितपुर काण्ड में पुलिस को आरोपित तो जल्दी ढूंढ़े नहीं मिले पीड़िता से ही थाने में दुष्कर्म कर यूपी को देशभर में बदनाम कर लिया। ललितपुर काण्ड की स्याही सूखने भी नहीं पाई थी कि अलीगढ़ में पुलिस के सिपाही ने एक नाबालिग से दुष्कर्म कर दिया।

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि राजधानी लखनऊ में 10 साल की एक बच्ची से दुष्कर्म सरोजनी नगर थाना क्षेत्र में किया गया। श्रावस्ती में दुष्कर्म का विरोध करने पर बदमाशों ने महिला की आंख फोड़ दी। लखीमपुर में बंधक बनाकर एक मासूम बच्ची से दुष्कर्म किये जाने की घटना विचलित करने वाली है। मिर्जापुर में गर्भवती महिला से दुष्कर्म हुआ। सच तो यह है कि भाजपा की डबल इंजन सरकार में अपराध का मीटर दुगना रफ्तार से बढ़ रहा है। पुलिस थाने अराजकता के केन्द्र बन गए हैं। लूट, हत्या, अपहरण और बलात्कार के मामलों में उत्तर प्रदेश आगे जा रहा है। भाजपा सरकार ने विकास को किनारे कर रखा है। वह नफरत और समाज को बांटने वाली गतिविधियों को बढ़ावा देने में लग गई है।

यूपी पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जी को जगह-जगह जाकर भाषण देने का शौक है, वे प्रशासन पर लगाम कसने में विफल साबित है। फर्जी मुकदमों और फर्जी एनकाउण्टरों में भाजपा सरकार रिकार्ड बना रही है। हिरासत में मौतों को लेकर तो राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक तमाम नोटिस जारी कर चुका है। जो सरकार पुलिस को एमएलसी चुनाव जीतने, पंचायत चुनाव जीतने के लिए लगा दे उससे और क्या उम्मीद की जा सकती है? जब पुलिस से सेवा नियमावली के विरूद्ध काम कराए जाएंगे तो फिर उसकी दबंगई कैसे रोक सकेंगे? पुलिस पर बढ़ते राजनीतिक दबाव के चलते अब गम्भीर घटनाओं में भी पुलिस का रवैया ढुलमुल रहता है। दबंगों को सजा का डर नहीं रह गया है।