
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के ऊर्जा और शहरी विकास मंत्री एके शर्मा ने शनिवार को राज्य में हड़ताल पर जाने वाले बिजली विभाग के कर्मचारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई की सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि या तो शाम 6 बजे तक काम पर लौट आएं या बर्खास्तगी का सामना करें। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अनुबंध के आधार पर कार्यरत 1,332 कर्मचारियों की सेवाएं पहले ही समाप्त की जा चुकी हैं। विभाग के 22 लोगों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी।
ये भी पढ़ें- यूपी बिजली विभाग के कर्मचारी क्यों बैठे हड़ताल पर? ऊर्जा मंत्री का क्या है इसपर कहना
आउटसोर्सिंग कंपनियों से की जाएंगी भर्ती-
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “1,332 संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। मैं एक बार फिर सभी संविदा कर्मचारियों से अनुरोध करता हूं कि वे शाम 6 बजे तक अपनी ड्यूटी पर लौट आएं, अन्यथा उन्हें आज रात सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि आउटसोर्सिंग कंपनियों को पहले से ही बर्खास्त व्यक्तियों के पदों को भरने के लिए नए लोगों को भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा, “आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों से उत्तीर्ण लोगों की एक सूची प्रशिक्षु के रूप में नियुक्त करने के लिए तैयार की जानी चाहिए। बाद में फैसला लिया जाएगा (उनकी सेवा जारी रखनी है या नहीं)। साथ ही विभाग के 22 लोगों के खिलाफ एस्मा (एसेंशियल सर्विसेज मेंटेनेंस एक्ट) के तहत कार्रवाई शुरू करने का फैसला लिया गया है।
29 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज-
उन्होंने कहा, “इसके अलावा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों और दूसरों को ड्यूटी करने से रोकने वालों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में 29 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।” इस बीच, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य बिजली विभाग में करीब 70,000 संविदा कर्मचारी हैं। वह बिजली विभाग के कर्मचारियों के एक संघ का नेतृत्व करते हैं।