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Ahmedabad Serial Bomb Blast: 49 में से 38 दोषियों को फांसी, 11 को उम्रकैद की सजा, बम धमाकों में 56 लोगों की हुई थी मौत

गुजरात. Ahmedabad Serial Bomb Blast- अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट केस में विशेष अदालत ने 49 में से 38 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अहमदाबाद में हुए सीरियल बम धमाकों में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे। अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट से सभी दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की गई थी जबकि बचाव पक्ष ने कम से कम सजा की अपील कोर्ट की थी। सीरियल ब्लास्ट मामले में 78 आरोपित थे जिनमें से एक सरकारी गवाह बन गया था। सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एआर पटेल ने 8 फरवरी को फैसला सुनाते हुए 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था जबकि 28 आरोपियों को बरी कर दिया था।

दोषियों को सजा सुनाने के अलावा कोर्ट ने पीड़ितों को मुआवजा देने का आदेश भी दिया है। कोर्ट ने इन धमाकों में मारे गए लोगों के परिजनों को 1 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। साथ ही गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को 50 हजार और मामूली घायलों को 25 हजार रुपये देने को कहा है।

70 मिनट में हुए थे 21 ब्लास्ट
26 जुलाई 2008 को गुजरात के अहमदाबाद में एक के बाद एक 21 ब्लास्ट हुए थे। 70 मिनट के भीतर हुए इन सीरियल ब्लास्ट में 56 लोगों की मौत हुई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इन धमाकों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। मामले में अहमदाबाद पुलिस ने 20 प्राथमिकी दर्ज की थी। वहीं, सूरत में भी 15 और एफआईआर दर्ज की गईं थी।

19 दिनों में सलाखों के पीछे पहुंचे थे 30 आतंकी
सीरियल ब्लास्ट के समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री और आशीष भाटिया डीजीपी थे। डीजीपी के नेतृत्व में तेज-तर्रार अफसरों की एक टीम बनाई गई थी। महज 19 दिनों के अंदर पुलिस ने 30 आतंकियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद बाकी आतंकियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। अहमदाबाद में हुए इन धमाकों से पहले आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन की इसी टीम ने जयपुर और वाराणसी में धमाकों को अंजाम दिया था। हादसे के बाद देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी अहमदाबाद पहुंचे थे।