लखनऊ. 6800 शिक्षकों की भर्ती की मांग को लेकर अभ्यर्थी लखनऊ के इको गार्डेन में डटे हुए हैं। भीषण गर्मी भी नहीं डिगा पा रही है। उनका कहना है कि अब यहां से नियुक्ति पत्र लेकर ही वापस जाएंगे। धरना-प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। कुछ ऐसी महिलाएं भी जिनके छोटे बच्चे हैं। प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा वर्ष 2018 में 69000 शिक्षक भर्ती का आयोजन किया गया था। इस भर्ती में आरक्षण की विसंगतियों के कारण आरक्षित वर्ग के हजारों अभ्यर्थी चयन पाने से वंचित रह गये थे।
उन्होंने बताया कि वंचित अभ्यर्थी न्याय पाने के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में याचिका दाखिल की, जिसमें एक वर्ष से अधिक समय तक सुनवाई के बाद तथ्यों के साथ यह बात प्रमाणित हो गई कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण की विसंगति हुई है, जिसको ध्यान में रखते हुए आयोग ने 29 अप्रैल 2021 के आदेश में बेसिक शिक्षा परिषद को इन विसंगतियों को सुधारते हुए आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों नियुक्ति देने का आदेश दिया। अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में संज्ञान लेते हुए बेसिक शिक्षा विभाग को आदेशित किया। इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने लगभग 6800 अभ्यर्थियों की नई सूची जनवरी 2022 में जारी की, जिसमें केवल आरक्षित वर्ग के ही अभ्यर्थी शामिल हुए। इन अभ्यर्थियों को जल्द से जल्द नियुक्ति देने का आदेश भी जारी हुआ।
मुश्किल में अभ्यर्थी
लखनऊ के ईको गार्डेन में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने बताया कि आदेश के कई महीनों के बावजूद अभी तक 6800 पदों पर नियुक्ति नहीं हो पाई है। नतीजन अभ्यर्थियों के परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट गहराता जा रहा है और सभी मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं।
अपनी बात कहते-कहते रो पड़ीं आकांक्षा यादव
आजमगढ़ से आईं आकांक्षा यादव अपनी बात कहते-कहते रो पड़ीं। कहा कि मैं 300 किलोमीटर दूर से अपने छोटे बच्चे को लेकर आई हूं। मजबूरन भीषण गर्मी के बीच उसे यहीं बिठाना पड़ रहा है।कहा कि कंपटीशन बीट करके चयनित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने भी आदेशित कर दिया है, लेकिन अधिकारी उनकी बात ही नहीं सुनते यह तानाशाही नहीं तो क्या है?