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बाढ़ की चपेट में यूपी के 22 जिले, घरों में घुसा पानी, फसल चौपट …अब और डरा रहा मौसम विभाग का अलर्ट

लखनऊ. बारिश और बांधों का पानी छोड़े जाने से उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना, चंबल, बेतवा और केन सहित कई नदियां उफान पर हैं। प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, चंदौली, बांदा, जालौन, हमीरपुर, महोबा और इटावा सहित प्रदेश के करीब 20 जिलों में बाढ़ के हालात हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में हजारों हेक्टेयर फसल पानी में डूब चुकी है। लगातार हालात बिगड़ते जा रहे हैं। हालत यह है कि पानी घरों में घुस रहा है, जिसके चलते लोग घरों को खाली कर रहे हैं। भले ही वे अभी बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे हैं, लेकिन वर्तमान के साथ ही उन्हें भविष्य की चिंता खाये जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा का रौद्र रूप जारी है, जिसके चलते जलस्तर वर्ष 2013 के रिकॉर्ड 72.630 मीटर के करीब पहुंच रहा है। बाढ़ का पानी बाबा विश्वनाथ धाम की दहलीज तक पहुंच गया है। मानों मां गंगा भोलेनाथ के दर्शन को आमादा हैं। नतीजन, धाम से सटा मणिकर्णिका घाट डूब चुका है और पानी आगे बढ़ रहा है। वाराणसी में बाढ़ के हालात को देखते हुए प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। 0542 2508550 पर कॉल कर बाढ़ पीड़ितों को नाव या शेल्टर होम तक जाने की मदद मिल सकती है।

गंगा और यमुना उफान पर
केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, सोमवार को गंगा प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में तो यमुना भी औरैया, प्रयागराज, जालौन, हमीपुर और बांदा जिलों में अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। इन जिलों में बड़ी संख्या में लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।

मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग से जारी पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले कुछ घंटों में पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बुंदेलखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। इन इलाकों में बिजली गिरने की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, भारी बारिश के वजह से बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बस्ती, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, गोरखपुर, संत कबीर नगर, देवरिया, कुशीनगर, सुल्तानपुर, जौनपुर, वाराणसी, आजमगढ़, गाजीपुर, बलिया, प्रयागराज, चंदौली, मिर्जापुर, मऊ और कई दूसरे इलाकों में पानी बढ़ सकता है।